Achinhit Kisse: Swatantrata Ki Neev Se (Part 1)
By Abhay Vasant Marathe (Author)on Sep 25, 2023
ओ उठो क्रांतिकारियो...जैसी कालजयी और महत्वपूर्ण पुस्तक लिखने वाले श्री अभय मराठे का लेखन महान भारतवर्ष के उन क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने इस राष्ट्र के स्वाभिमान के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत की स्वतंत्रता के लिए अलग-अलग कालखंड में, अलग-अलग तरह के युद्ध लड़ने वाले क्रांतिकारियों ने जो त्याग किया, उसी का सुपरिणाम है कि आज भारतवर्ष इस संसार के सबसे आनंद से भरे देशों में से एक है।
किंतु एक सत्य यह है कि उन बलिदानी क्रांतिकारियों को स्वतंत्रता के बाद षड्यंत्रपूर्वक भुलाने का प्रयास किया गया। वर्ष 1947 में भारत ने लड़कर जो स्वतंत्रता अर्जित की, उस स्वतंत्रता में अपने रक्त, मज्जा, प्राण की आहुति देने वाले बलिदानियों को जानबूझकर भुला दिया गया। आजादी के बाद की सरकारों ने पाठ्यक्रमों से, सार्वजनिक महत्व के स्थलों से और लोगों के दिलों से भी उन बलिदानियों की स्मृतियों को मिटाने का काम किया। इस षड्यंत्र के कारण उन महान बलिदानियों को मानो दो बार मरना पड़ा, पहली बार तो वे अंग्रेजों या देशविरोधी लोगों के कारण वीरगति को प्राप्त हुए और दूसरी बार देश द्वारा भुला दिए जाने के कारण मानो फिर से मृत्यु को प्राप्त हुए। राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक षड्यंत्र इतना गहरा था कि भारत को आजादी दिलाने का सारा श्रेय केवल और केवल उस खेमे को दे दिया गया, जिस खेमे के लोगों ने अंग्रेजों से दुरभिसंधियां की थीं और जेलों में भी मौज उड़ाई थी। इसके उलट जेलों में यातना सहने वाले, फांसी पर चढ़ जाने वाले और तोपों के मुंह पर बांधकर मृत्युदंड पाने वाले क्रांतिकारियों का उल्लेख तक नहीं हुआ। जबकि वे लड़े थे और उनकी लड़ाई के कारण ही भारत से अंग्रेजों के पांव उखड़े थे।
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